Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -09-May-2022 -दुल्हन


दुल्हन बनी खिली नवयौवना है ,
श्रृंगार करके लगती अन्नपूर्णा है |
रूप ऐसा उसका निखरता चला गया ,
रंग प्रीत का उस पर चढ़ता चला गया |
माथे पर टीका गले में हार पहना ,
सर पर लाल चुनर लगती मनमोहना |
मुस्कुराहट पर सब उसकी वारी वारी ,
नजर उतारेंगे आकर सब बारी बारी |
हिना का चढ़ता हुआ रंग तुम देखो ,
कंगना भी खनकता हुआ तुम देखो |
गालों पर गुलाबी रंगत है आई ,
आंखें झुकी झुकी वो है शरमाई |
चुड़ियों की प्यारी सी हैं खनक ,
तगड़ी भी रही उसकी चमक |
सुनहरी गोटा चमक कर बोल रहा ,
राज़ दिल के सारे ही वो खोल  रहा ||

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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30 Comments

Haaya meer

10-May-2022 06:20 PM

Amazing

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नंदिता राय

10-May-2022 03:18 PM

बहुत खूब

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Punam verma

10-May-2022 12:04 PM

Nice

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